कभी उन्हें सुलझा लिया करता हूँ ,
फोटो खिंचवाते वक़्त मैं अक्सर,
थोड़ा मुस्कुरा लिया करता हूँ ।
फिर क्यूँ नुमाइश करूँ मैं,
अपने जीवन में शिकन की,
मैं अक्सर मुस्कुरा के इन्हें ,
मिटा दिया करता हूँ ।
क्योंकि..
जब लड़ना है खुद को खुद से,
फीर हार-जीत में इसलिए कोई,
फ़र्क नहीं रखता हूँ।
हारूं या जीतूं कोई रंज नहीं,
कभी खुद को जिता देता हूँ,
कभी खुद से जीत जाता हूँ मैं...।
ज़िंदगी तुम बहुत खूबसूरत हो,
इसलिए मैंने... तुम्हें,
ज्यादा सोचना बंद और ,
जीना शुरू कर देता हूँ मैं...।
उलझने बहुत है जिंदगी में ,
लेकिन एक भी उलझन ,
माँ के बाद जीवनसाथी के बिना,
उलझने सुलझाई नहीं जाती है।
इसलिए :-
जिंदगी के सफर में हमेशा ,
हँसते-मुस्कुराते रहना चाहिए,
जब मिल जाते हैं रंज-ओ-गम,
तो गले से लगा लेते है हम ।
हर सुबह साथ मिल ही जाता है,
भोर की रोशनी का ,
रात के अंधेरे मैं चिराग ,
जला लेते है जीवन का हम।
भटक गए थे हम घने-जंगल में,
अपना रास्ता ,
काश हम जंगल में ही अपना ,
ठिकाना बना बैठे थे।
~ रिंकू विराट
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