Place this code on every page across your site and Google will automatically show ads in all the best places for you आपके और मेरे जीवन की खट्टी-मीठी बातें: ओ मेरे जीवन साथी का क्या कहना।

ओ मेरे जीवन साथी का क्या कहना।

मैं बनूँ दुल्हन उसकी लेकिन अभी ,
    है नहीं शायद मेरी किस्मत में,
        क़रार मिलता नहीं हमें, 
      कितनी बेचैनी है ये प्यार में ।

      सारा श्रृंगार फीका है मेरा ,
 जब तक देख ना ले मुझे जी भर के ,
कहीं ख़बर ना हो उसे टूटे दिल की ,
 फिर क्या बात हुई मेरे बाद में ।

 कैसी दीवार बनाई है  ये सहनाई की ,
    जो हमें मिलने नहीं देती आपसे ,
     जहाँ एक वर्ष गुज़ार आए  हम ,
       तन्हां उनके ही इंतज़ार में ।

    रोज़ सजती हूँ देखो उनके नाम से ,
और हम मुस्कुरा जाते हैैं उनके आसियान से,
हमें ख़ुद की नहीं परवाह हमें ख़्याल उनका है ,
     इश्क़-ए-ख़ुमार में हम उनके सहवाग है ।

थकान उतर आई है अब मेरी ,
  और  दिल  है  दीवानगी  में ,
मेरा वजूद हो जाए पूरा अगर ,
सहारा हो उनके जीवन निसार में ।

तू कर मेरा ये काम अपनी हिम्मत से जिससे ,
       महक जाए जात मेरी ये सोचकर , 
        जैसे गुलशन महका हो बहार में ।

 कुछ कहना तो चाहता है दिल उनका भी ,
          लेकिन कुछ कह नहीं पाता,
सायद उनकी कि चाहत अच्छी नहीं ,
पता नहीं क्या बात हुई  इज़हार में ।

                            By- रिंकू विराट

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