कभी रो लेने दो मुझे ,
अपने कॉंधे पर सर रखकर ,
की ,
जुदाई का दर्द अब ,
हमसे संभाला नहीं जाता,
आखिर कब तक छुपा कर रखूं ,
आँखो में इस दर्द को ,
क्योंकि ,
आँसुओ का समुन्दर अब ,
मुझसे संभाला नहीं जाता ,
बता दु सारी दुनियां को ,
कितना प्यार है मुझे तुमसे ,
ये सब कहना नहीं आता मुझे ,
बस इतना जान लो तुम ,
बिन तेरे अब रहना नहीं आता ,
बस आप यह जान लो ,
किस्मत मेरा ईनतहान ले रही है ,
ये मुझे तड़पा कर निराशा दे रही है ,
मैनें उसे अपने दिल में रखा ,
और
ना कभी अपने से दूर किया ,
फिर क्यों वो मुझे बेवफाई का ,
इल्जाम दे रही है ,
जिसमें खत्म यहां मेरी जिन्दगी ,
हो रहीं हैं।।
By- रिंकू विराट
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें