Place this code on every page across your site and Google will automatically show ads in all the best places for you आपके और मेरे जीवन की खट्टी-मीठी बातें: सावन में बाबा भोलेनाथ की बम-भोले।

सावन में बाबा भोलेनाथ की बम-भोले।

सावन में बाबा भोलेनाथ की महिमा,
              यों न्यारी स ,
चलती है श्रृष्टि जिनसे उनकी महिमा ,
             यों सारी स ।

    सावन में ना जाने मैं कब ,
     मुश्किलों से दूर हुआ ,
     सब मतलबी इंसान है ,
मुझे तो भोलेनाथ तेरे से ही प्यार हुआ।

हर एक शाम जैसे ये सूरज हैं ढलता ,
  चाहे कोई साथ रहे या ना रहे ,
  भोलेनाथ आपकी कृपया से ,
मेरा हर काम ऐसे ही चलता रहे।

तेरे से भोलेनाथ एक बात है कहनी ,
      तेरे साथ में ना कोई घड़ी ,
      अब मुझे गम की सहनी ।

ना जाने कब में इन मुश्किल घड़ी से,
           निकल पाया हुँ ,
भोलेनाथ की कृपा से ही मैंअपने काम में,
           सफल हो पाया हूँ ।

    एक माँ ने अपने बच्चो को ,
       किस तरह से पाला है,
  जीवन की हर मुश्किल घड़ी में ,
  बाबा भोलेनाथ ने ही संभाला है ।

      जय बाबा भोलेनाथ की।

मेने खुद को हर एक परिस्थिति में ढाला है ,
किया भोलेनाथ तूने ही जीवन में उजाला है ।
बाबा भोले आप के सहारे ही में चल पाया हूँ, 
जिसने मुश्किलों में साथ दिया हाँ वो मेरा डमरू वाला है ।

भोलेनाथ तेरे बिना किसी मुश्किल का ,
           कोई हल न पाएगा ,
मैं तो अभी गिला कागज हूँ बाबा , 
 इसलिए यह अभी जल ना पायेगा।

बाबा भोलेनाथ तू कभी मुझसे ,
      दूर ना जाना क्योंकि , 
तेरे बिना जीवन मुझसे  ये मेरा ,
    कभी संभल ना पायेगा ।

सावन में कभी हरिद्वार कभी आपका मन्दिर ,
             मुझे दिखाई देता है ,
       मुझे तुम्हारी सूरत में पता नहीं ,
          क्या-क्या दिखाई देता है।

                                By- रिंकू विराट

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