मेरे इश्क की कुछ ऐसी कहानी है...
मेरी तरह मेरी वाइफ भी चाय की दीवानी है।
ये ठंडी - ठंडी हवाएं मुझे ,
छूकर यूँ गुजर जाती है ,
सच कहूं तो तुम्हारी ,
याद बहुत दिलाती है,
ऐसा लगता है जेसे हवाओं में ,
बिखरी हों तेरे जिस्म की खुशबू,
और
मेरी सांसों में महक रही हो ,
और ऐसा लगता है जैसे -?
जागते या सोते चेहरा उन्हीं का ताकता रहूँ,
कोई मुझे भी समझाए प्यार में,
ये सब होता है।
खुशबू वो तेरी तूफानी जुल्फों की,
लाली वो तेरे रसीले होठों की,
नरमी वो तेरे गालों की,
बातें वो तेरी नसीली आंखों की,
याद तुम्हें जब भी मैं करूं,
दिल में बेकरार सा होता है,
कोई मुझे भी तो समझाओ,
प्यार में ये सब होता है ।
जैसे ही तेरे करीब आते है तो ,
कलियां खिल जाती है बागों में ,
मेरा दिल महफूज रहता है,
अब तेरी ही बाहों में,
तेरा जब ख्याल आता है तो ,
दिल सोता है न जागता है,
यार कोई मुझे भी समझाओ,
प्यार में ये सब होता है।
तेरे ही ख्वाबों और ख्यालों में,
बस तुमको ही याद करते हैं,
हर पल और हर लम्हें बस ,
तेरा ही नाम लिए जाते हैं।
दीवानों सा हाल हुआ है अब मेरा ,
क्या मोहब्बत में ये सब होता है,
कोई समझाओं इस दीवाने को ,
प्यार में क्या-क्या होता है...।।
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