मुझ से भी बुरे है सांसारिक लोग ,
तू जरा अपने परिवार की वफाई से,
बहार निकल के तो देख।
उदाश लम्हें तू याद न रखना ,
तू जरा इस तूफान में भी ,
तू चिंता ना कर अभी क्योंकि ,
जिंदगी बहुत बड़ी है ,
चाहत की महफिल तो देख ,
तेरे लिए ही सजी है ।
तू जीवन में मुस्करा कर तो देख ,
तकदीर खुद में खुद तुझसे मिलने को,
तेरे दरवाजे के बहार खड़ी है।
लेकिन Life में कुछ अधूरी चीज़े भी ,
बहुत ही खूबसूरत होती है ।
जैसे अधूरा चाँद होता है वैसे ही ,
हमारे Life में अधूरे ख्वाब होते है।
जैसे घूँघट से आधा नजरिया किसी का ,
जैसे प्यार पूरा होते-होते ,
रह गया हो अधूरा किसी का ।
~ रिंकू विराट
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