Place this code on every page across your site and Google will automatically show ads in all the best places for you आपके और मेरे जीवन की खट्टी-मीठी बातें: भारत में महँगाई की मार जीवन हो कैसे पार।

भारत में महँगाई की मार जीवन हो कैसे पार।

मेरा जीवन अब कठनाईयों में बीत रहा है ,
जीवन अब रुपये और पाई-पाई में बीत रहा है।

जीवन में दर्द को ही दवा कहाँ गया है ,
बाकी जीवन अब दवाई में बीत रहा है ।

रोज के मुकदमे और रोज की सजा  है ,
अब सारा जीवन सुनवाई में बीत रहा है।

जीवन मे हर एक इंसान की जान सस्ती है,
फिर भी सारा जीवन महंगाई में बीत रहा है।

जीवन मे खुआइसों का बोझ है इतना ज्यादा,
"की"सारा जीवन अब तन्हाइयों में बीत रहा है।

                                     ~ रिंकू विराट

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  There are many entanglements in life,         Sometimes I solve them I often,                   while taking photos,          ...