बेवजह किसी की बातों में यूँ ,
हमें उलझाया ना करो,
तुम...
अगर जाना ही है तुम्हें दूर हमसे,
तो इतना पास आया ना करो'
तुम...
इतनी खुशी देकर किसी को,
" फिर "
इतना दर्द देकर रुलाया ना करो,
तुम...
अगर प्यार नहीं था उस शख्स से,
तो कभी उसे जताया ना करो,
तुम...
उनकी उम्मीदों को अपनी झूठी ,
बातों से इतना बढ़ाया ना करो,
तुम...
प्रेम इतना पवित्र बंधन है,
इसे यूँ रिझाया ना करो,
तुम...
और यूँ जिस्मों की जाल में ,
कभी फसाया ना करो...
तुम...
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